पश्चिम चंपारण जिले के सबसे बड़े Government Medical College Hospital की कुव्यवस्था को उजागर करती यह तस्वीर ओपीडी की है, जहां लगभग हर दिन घंटों बिजली नहीं रहती है, जिसके कारण Doctor मोबाइल टॉर्च के सहारे ही मरीजों को देखते हैं और दवा लिखते हैं।
भीषण गर्मी से मरीज और डॉक्टर दोनों परेशान हैं, सरकार व स्वास्थ्य विभाग बेहतर सुविधाएं देने का दावा करती है, लेकिन गांधी की धरती पर सरकार के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
मरीज कई जिलों से आते हैं
बेतिया Medical College Hospital में सिर्फ पश्चिमी चंपारण जिले के ही नहीं बल्कि मोतिहारी,गोपालगंज से भी लोग इलाज कराने आते है।
अस्पताल की भीड़ को देख कर समझा जा सकता है कि सरकारी व्यवस्था पर अब भी लोगों को अधिक भरोसा है। लेकिन यहां आने पर मरीजों को कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ता है। जिस कारण इलाज कराने पहुंचने वाले लोगों को मायूसी हाथ लगती है।
सोमवार सुबह से ही में लोगों की भीड़ ओपीडी उमड़ने लगी। पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और Gopalgunj से सैकड़ों लोग इलाज के लिए आये थे, इसी बीच दोपहर में अचानक जीएमसीएच की ओपीडी की लाइट गुल हो गयी।
नहीं है 2 घंटे से लाइट
करीब 1 घंटे तक लाइट नहीं आई लेकिन अस्पताल प्रशासन ने जनरेटर तक नहीं चलाया, जिससे इलाज कराने आये मरीज व उनके परिजन सहित चिकित्सक भी परेशान दिखे।
GMCH में लौकरिया गांव से इलाज कराने आये मरीज अभिमन्यु कुमार ने बताया कि करीब 2 घंटे तक बिजली गुल रही इलाज के लिए पर्चा कटाना पड़ता है।
हम इस गर्मी में करीब 2 घंटे से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधक द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, अस्पताल प्रबंधक मो सहनबाज ने बताया कि अस्पताल में पावर सब स्टेशन बनाने का काम चल रहा है, जिसके कारण दो से तीन घंटे तक अस्पताल की लाइट कटी रही।