Valmiki Tiger Reserve: वीटीआर में मिला दुर्लभ सांप, जो गिरगिट की तरह रंग बदलती है, जानिए इसका वैज्ञानिक नाम

Valmiki Tiger Reserve: Rare snake found in VTR, which changes color like a chameleon, know its scientific name

वाल्मीकिनगर टाइगर रिजॉर्ट में मिली दुर्लभ प्रजाति के सांप का वैज्ञानिक नाम कॉपर हेडेड ट्राइसेंट है। यह सांप अपना रंग बदलने में बहुत माहिर होता है। यह सांप अपने दुश्मनों से बचने और शिकार करने के लिए अपना रंग बदलता है। बढ़ती गर्मी के कारण जंगली जानवरों के रायशी क्षेत्र में आने का सिलसिला शुरू हो गया है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व अंतर्गत वाल्मीकि नगर की ई-टाइप कॉलोनी निवासी शिक्षक श्री हरिनारायण प्रसाद के घर के दरवाजे पर दुर्लभ प्रजाति का सांप लटकता देख परिजनों व आसपास के लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। सांप की इस सूचना पर वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के वनकर्मियों की टीम पहुंची और सांप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया।

यह सांप देखने में बहुत सुंदर लगता है और करैत सांप की तरह इसके शरीर पर काली परत होती है और शरीर का रंग लाल-भूरा होता है। अधिकारियों ने बताया कि ये सांप आमतौर पर कृन्तकों, पक्षियों, छोटे स्तनधारियों, पक्षियों, छिपकलियों और मेंढकों का शिकार करते हैं।

डब्ल्यूटीआई और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारियों ने बताया कि सांप की दुर्लभ प्रजाति का वैज्ञानिक नाम

इस दुर्लभ प्रजाति के सांप को देखकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। डब्ल्यूटीआई और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारी डॉ. समीर के सिन्हा और सुब्रत बेहरा ने बताया कि वाल्मीकिनगर में मिली दुर्लभ प्रजाति के सांप का वैज्ञानिक नाम कॉपर हेडेड है। ट्राइसेंट। यह सांप रंग बदलने में माहिर होता है। यह सांप अपने दुश्मनों से बचने के लिए समय और जगह के हिसाब से अपना रंग बदलता है और अपने शिकार को शिकार बनाकर शिकार होने से बच जाता है, लेकिन सांप की यह दुर्लभ प्रजाति जहरीली नहीं होती है।

उत्तर पूर्वी भारत के साथ-साथ कई जगहों पर ताँबे के सिर पाए जाते हैं

अधिकारियों ने बताया कि यह कॉपर हेडेड ट्रिकेंट सांप उत्तरी पुर्वी भारत के कई इलाकों हिमालय, तलहटी, उतराखंड के आलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, और आंध्रप्रदेश मे भी पाये जाते हैं।

सांप की चेहरे की बनावट से डरे लोग

डब्ल्यू टी आई के अधिकारी सुब्रतेरा बहह ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति के सांप कॉपर हेडेड ट्राइकेंट सांप नहीं होते हैं। लेकिन लोग सांप को खतरनाक रूप में देखते हैं और एक दूर की प्रजाति के विषैला सांप को समझ सांप को जान से मार देते हैं। जिस वजह से सांप लोगों से बचने के लिए अपने शरीर का रंग बदलने और चेहरे को खतरनाक तरीके से दिखाने और एक भयानक रूप सेफकार लग जाता है लंबा छलग अपनी जान को बचा कर भाग जाता है।

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