बेतिया | पश्चिम चंपारण के रामनगर प्रखंड में दोनों क्षेत्र दुरुह और दुर्गम हैं. यहां जंगल के बीच स्थित 2 पंचायतों के 32 गांवों में 38 हजार से ज्यादा की आबादी रहती है. जंगलों, पहाड़ों और नदियों से घिरे होने और सड़कों के बिना होने के कारण यहां आसानी से यात्रा करना संभव नहीं है। शासन द्वारा चलाई जा रही सात निश्चय योजनाओं में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी की ओर से इस क्षेत्र में बोरिंग की व्यवस्था की गई है. सौर ऊर्जा से संचालित इस योजना से नौरंगिया डॉन पंचायत में 16 व 14 पानी की टंकियों के निर्माण के साथ-साथ घर-घर पाइप चलाया जा चुका है.
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जहां पानी की टंकी के लिए 14 लाख का बजट है, वहीं कहीं लोहे के पाइप सहित 30 लाख और कहीं 33 लाख से अधिक खर्च करना पड़ता है. लेकिन स्थिति यह है कि यहां के लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है और सरकार की इतनी राशि खर्च करने के बाद भी यहां के लोग पीने के पानी के लिए अपने घरों में लगे हैंडपंपों पर ही निर्भर हैं.
एक पानी टंकी पर 30 लाख की लागत , लेकिन निवासियों को नहीं मिल रही है लाभ
नौरंगिया पंचायत के मुखिया गौरीशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारे यहाँ पीएचईडी से 16 पानी की टंकियां बनाई गई हैं. एक पानी की टंकी में पथरीली जमीन व लोहे के पाइप लगाने से 30 से 35 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। कई जगह लीकेज को ठीक करने की बात कही जा रही है। फिर भी बोरिंग के पास प्रेशर पर पानी गिरता रहता है।
शुद्ध पानी से दूर घरों में नहीं पहुंच रहा नल का पानी
रुपवलिया दोन के निवासी राजधारी महतो, बेतहानी दोन के निवासी राजेंद्र महतो, रोहित महतो, नौरंगिया दोन के निवासी महेंद्र महतो, बेलाटांड़ी दोन के निवासी नंदलाल महतो, चंदन महतो आदि ग्रामीणों ने बताया कि घर-घर नल लगाया गया है। पाइप दौड़ायी गईहै। लेकिन शुद्ध पानी का नसीब नहीं हो रहा है। सोलर से पानी की टंकी एक बार ही भरता है। घरों में पानी जाने के लिए बिछाई गई पाइप के लीकेज से पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंचकर रास्ते में ही गिरकर वेस्ट हो जाता है।
रामनगर के नौरंगिया दोन, बनकटवा दोन समेत दोन इलाके के गांवों में नलजल की व्यवस्था पीएचडी विभाग ने कराया है। उसका मेंटेनेंस पीएचडी विभाग करेंगी।
दोन में कुछ जगहो में पानी आता है। कुछ में जगहों में समस्या है। छह वार्ड में से तीन में खराब की सूचना है। संवेदक को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। विभाग की ओर से फाइन भी लगाया गया है। ऐसी सूचना है तो तुरंत इसकी जांच करवाकर उसे दुरुस्त कराया जाएगा।