लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में All India रैंक 2 हासिल करने वाली गरिमा लोहिया के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा, CM नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गरिमा को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं, काफी संघर्ष और मेहनत के बाद 2015 में ही पूरे देश में परचम लहराने वाली इशिता के सिर से पिता का साया उठ गया, मां गृहिणी हैं, इसके बाद मां ने खुद को संभाला, मुझे अपने पिता की कमी कभी महसूस नहीं होने दी, मां ने कहा कि उसके पिता चाहते थे कि वह IAS बने, मैंने 10वीं तक की पढ़ाई बक्सर से ही की है, इसके बाद उन्होंने Delhi के किरोड़ीमल College से ग्रेजुएशन किया।
गरिमा के पूर्वज 150 साल पहले राजस्थान से आए थे
गरिमा लोहिया के दादा नारायण प्रसाद लोहिया समेत पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लोहिया परिवार करीब 150 साल से बक्सर में है। राजस्थान के पूर्वज यहां आकर बसे थे। गरिमा के पिता मनोज कुमार लोहिया कपड़े का कारोबार करते थे, गरिमा की मां सुनीता देवी की हिम्मत और पूरे परिवार के सहयोग ने करीब 4 साल पहले बीमारी के कारण हुई मौत के बाद उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया, इस परिवार के अमिताभ लोहिया ने ‘Bettiah News’ से बातचीत में गरिमा की लगन और मेहनत का पूरा ब्योरा सुनाया, गरिमा को बचपन से ही पढ़ाई का शौक था, वह औसतन 17-18 पढ़ती थी, उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल किया है, चाचा राकेश लोहिया और रोशन लोहिया का अपना कारोबार है।
गरिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया
गरिमा ने बताया कि Corona के दौरान वह कोचिंग नहीं कर पाईं, इसलिए बक्सर में रहकर Online कोर्स से ही तैयारी की, सामान्य ज्ञान के लिए सोशल साइट्स का सहारा लिया, इस Examination में तैयारी करना बहुत कठिन होता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें निराश होना चाहिए, वह करें जिससे आपको खुशी मिलती है, परिवार के साथ रहें और अपना मनोबल बढ़ाते रहें, गरिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया।