Sant Ghat Temple, Bettiah: बेतिया शहर में स्थित संत घाट मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सौंदर्यपरक स्थल भी है। चंद्रावती नदी के तट पर स्थित Sant Ghat Temple, इसकी हर ऊँचाई और ढलान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है।
छठ पूजा सहित हिंदू त्योहारों के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। छठ घाट मेला बिहार का दूसरा सबसे बड़ा घाट माना जाता है, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर (Sant Ghat Temple) का निर्माण 1826 में वैश्य (सुनार) समुदाय के एक कुलीन व्यक्ति ने करवाया था। नदी के किनारे एक स्नानागार के खंडहर मौजूद हैं, जहाँ बेतिया राज की रानी स्नान किया करती थीं।

कहा जाता है कि लगभग 2 किमी दूर स्थित सागर पोखरा मंदिर में एक भव्य आंतरिक सुरंग थी। रानी इसी सुरंग के माध्यम से मंदिरों में आती-जाती थीं। पास के मंदिर में राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ हैं। इसके बगल में एक छोटा सा शिव मंदिर है। हमारे साथ बने रहिए, हम आपको संत घाट मंदिर के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं।
The history of Sant Ghat Temple: तथा मंदिर कब और कैसे बना
संत घाट मंदिर का निर्माण लगभग 1826 ई. में हुआ माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, मंदिर का निर्माण वैश्य समुदाय के स्वर्णकार समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति द्वारा शुरू कराया गया था। घाट के किनारे एक प्राचीन स्नानागार भी है, जो देखने में काफी सुंदर है।
कहा जाता है कि बेतिया की रानी इस नदी में स्नान किया करती थीं, जो एक गुफा से होकर बहती है। लगभग उसी समय, 1826 में, बेतिया की रानी ने एक गुफा का निर्माण भी करवाया था, जहाँ रानी स्नान किया करती थीं। परिसर में राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।

मंदिर के अंत में एक छोटा सा शिव मंदिर है, इसीलिए इसे संत घाट शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान स्थानीय जीवन का एक हिस्सा है, जहाँ लोगों ने समय के साथ इसे अपनी आस्था और सांस्कृतिक उथल-पुथल का अभिन्न अंग बना लिया है, जैसे आज भी सुबह और शाम आस-पास के इलाकों से लोग आकर वहाँ बैठते हैं, चाहे हिंदू हों या मुसलमान, सभी वहाँ जाते हैं, वहाँ का वातावरण बहुत ही सुहावना होता है।
Sant Ghat Temple: छठ पूजा का प्रमुख धार्मिक स्थल
बिहार के पश्चिमी चंपारण ज़िले के बेतिया शहर में स्थित संत घाट मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जिसकी गिनती बिहार के प्रमुख घाटों में होती है। अपनी सुंदर बनावट के साथ, यह पंडाल हज़ारों श्रद्धालुओं के लिए, खासकर छठ पूजा के दौरान, श्रद्धा का केंद्र होता है। हर साल यहाँ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। भक्त यहाँ सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं और यह घाट भक्ति और आध्यात्मिकता का संगम है। इस घाट का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यहाँ उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

स्थानीय समितियाँ और प्रशासन छठ पूजा की तैयारी में घाट की सफाई, सजावट और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करते हैं। यह अनुष्ठान चलता है और इस दौरान नदी की भी सफाई की जाती है। भक्त यहाँ स्नान करके शुद्धि करते हैं और भक्ति भाव से सूर्य देव की पूजा करते हैं। शाम के समय, घाट आकाश के तारों की तरह दीपों से जगमगा उठता है और वातावरण भक्तिमय भजनों से गूंज उठता है।
संत घाट (Sant Ghat Temple) न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है, जहाँ सभी धर्मों के लोग सुबह-शाम एकत्रित होकर यहाँ के शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लेते हैं। छठ पूजा के दौरान यहाँ का नज़ारा अनोखा होता है, जो हर श्रद्धालु और पर्यटक को आध्यात्मिक शांति और उत्साह से भर देता है।

पूजा-आराधना एवं अन्य धार्मिक गतिविधियां: संत घाट मंदिर
- महाशिवरात्रि: संत घाट मंदिर स्थित शिव मंदिर में विशेष जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। भक्त मोनाको की धुन पर “बोल बम” का जयकारा लगाते हुए पूरी रात जागरण करते हैं। इस दिन बड़ी संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
- राम नवमी: राम नवमी के अवसर पर संत घाट मंदिर (Sant Ghat Temple) में विशेष पूजा और गजरा का आयोजन किया जाता है। देश-विदेश के कलाकारों को भजन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। भक्त भगवान राम का जन्मोत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और रामायण पाठ का भी आयोजन किया जाता है।
- गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी पर भगवान शिव की एक विशेष मूर्ति स्थापित कर उसकी पूजा की जाती है। भक्तगण भगवान गणेश को मोदक, मिठाई, प्रसाद और शुभकामनाएँ अर्पित करते हैं। Sant Ghat Temple पर सजावट और दीप प्रज्ज्वलन से भक्तिमय वातावरण बनता है।
- अन्य कार्यक्रम: दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा और जन्माष्टमी जैसे त्यौहार भी श्रद्धापूर्वक मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों के दौरान मंदिर परिसर में दीप और फूल बेचे जाते हैं।

बेतिया स्थित संत घाट मंदिर का धार्मिक महत्व केवल छठ पर्व तक ही सीमित नहीं है। बल्कि, यह मंदिर विभिन्न अनुष्ठानों और उत्सवों का केंद्र है। आस-पास के गाँवों और कस्बों से भक्त प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा-अर्चना के लिए मंदिर आते हैं। इस घाट पर आरती, भजन-कीर्तन और जलाभिषेक किया जाता है।